आज से करीब 10 से 12 दिन पहले मनोहर लाल पुत्र मोहनलाल जाति विश्नोई निवासी साकड़ सुबह करीब 10:00 बजे भागीरथ पुत्र बगडू राम जाती गायणा विश्नोई निवासी साकड़ के घर गया और बोला कि आप के पुत्र विकास को मेरे साथ उदयपुर भेज दो मैं विकास को हर महीने 12000 रुपये और खाना खर्चा दूंगा तब भागीरथ राम मैं अपने बेटे विकास से पूछा तो उन्होंने विश्वास कर लिया और कहा कि ठीक है मैं चला जाऊंगा और उस समय भागीरथ राम और उनकी पत्नी किशना देवी के सामने गाड़ी में बिठाकर उदयपुर अपने पास काम पर रखने का कहकर लेकर चला गया फिर उसके 5 से 7 दिन बाद मनोहर का चचेरा भाई सुरेश पुत्र पूनमाराम जाति विश्नोई निवासी साकड़ वाला विकास के कपड़ों का बैग लेकर भागीरथ राम के घर गया उस समय उनका पूरा परिवार मुकाम मेले में गया हुआ था और उनकी भतीजी सुशीला उनके घर पर थी तब सुरेश ने उनका बैग सुशीला को देकर कहा कि यह देख विकास का है और सुशीला ने विकास का पूछा तो कहा कि वह हमारे पास ही है और कुछ दिन बाद में घर आएगा फिर भागीरथ राम मुकाम मेले से कल शाम को घर पर पहुंचे तो सुशीला ने बताया कि सुरेश नाम का व्यक्ति विकास का बैग लेकर के गया है सता विकास कुछ दिन बाद में घर आएगा ऐसा कह कर चला गया है तब भागीरथ राम का कहना है की हमको शक हुआ तो विकास के मोबाइल पर फोन किया लेकिन विकास का मोबाइल बंद आ रहा था तो हमने मनोहर को मेरे भतीजे के मोबाइल से फोन किया तो मनोहर ने कहा कि विकास को पुलिस ने उदयपुर थाने में पकड़ लिया है तब मैंने उनको कारण पूछा तो कहा कि होटल वाले ने पकड़ लिया है तब मैंने सख्ती से पूछा तो मनोहर ने कहा कि हम दोनों सो रहे हैं तब रात को विकास कहीं चला गया है और ऐसा कह कर मनोहर ने फोन काट दिया इस प्रकार मनोहर व सुरेश तथा अन्य लोगों के षड्यंत्र रथ कर मेरे पुत्र को नौकरी पर रखने का झूठा झांसा देकर मेरे घर से ले गया