पी.एम. विश्वकर्मा योजना
पीएम विश्वकर्मा भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय की एक योजना है, जिसका उद्देश्य हाथ से औजारों का उपयोग करके काम करने वाले पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को पहचानना और सशक्त बनाना है। इस योजना को वर्ष 2027-28 तक पांच वर्षों के लिए लागू किया जाएगा।
योग्यता
1. पीएम विश्वकर्मा के तहत, 18 वर्ष से अधिक आयु के कारीगर या शिल्पकार है, जो स्व-रोजगार के आधार पर असंगठित क्षेत्र में हाथों और औजारों से काम करते हैं और औजारों से काम करते हैं और दिशानिर्देशों में निर्दिष्ट परिवार-आधारित पारंपरिक व्यवसायों में लगे हुए हैं।
2. लाभार्थी को स्व-रोजगार/व्यवसाय विकास के लिए केन्द्र सरकार या राज्य सरकार द्वारा पिछले 5 वर्षों में चलाई जा रही क्रेडिट-आधारित योजनाओं जैसे की पीएमईजीपी, पीएम स्वनिधि, मुद्रा के तहत ऋण नहीं लिया होना चाहिए। हालांकि, मुदा और स्वनिधि के लाभार्थी जिन्होंने अपना ऋण चुका दिया है, पीएम विश्वकर्मा के तहत पात्र होंगे। 5 वर्ष की इस अवधि की गणना ऋण स्वीकृत होने की तिथि से की जायेगी।
3. योजना के तहत पंजीकरण और लाभ परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित रहेगा। एक ‘परिवार’ को पति-पत्नी और अविवाहित बच्चों से मिलकर परिभाषित किया गया है।
4. सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति और उनके परिवार के सदस्य इस योजना के तहत पात्र नहीं होंगे। प्रारंभ में पीएम विश्वकर्मा के अंतर्गत आने वाले Trades:
पंजीयन की प्रक्रिया…
1. पंजीकरण सामान्य सेवा केन्द्रों (CSC)/अटल सेवा केन्द्रों के माध्यम से किया जाएगा।
2. आवश्यक दस्तावेजः आधार, मोबाइल नंबर, बैंक विवरण, राशन कार्ड है। यदि किसी लाभार्थी के पास राशन कार्ड नहीं है तो उन्हें परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड प्रस्तुत करने होंगे।
3. पीएम विश्वकर्मा के तहत पंजीकरण/नामांकरण के लिए कोई शुल्क नहीं होगा।
• कारीगरों/शिल्पकारों को एक पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और आईडी कार्ड प्राप्त होगा। प्रमाण पत्र से आवेदक की पहचान विश्वकर्मा के रूप में हो जाएगी, जिससे वे योजना के तहत सभी लाभ प्राप्त करने के पात्र होंगे। कारीगरों से अनुरोध है कि पंजीकरण के लिए अपने निकटतम सामान्य सेवा केन्द्रों (CSC) / अटल सेवा केन्द्रों से संपर्क करें और योजना का लाभ उठाएं।